आईटीडीए युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए खोलने जा रहा है केंद्र
उत्तरकाशी।
जनपद के विकास भवन लदाड़ी में ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर (डीएआरसी) खुलने जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) की विशेष पहल के तहत खुलने वाले इस केंद्र में युवाओं को ड्रोन संचालन के साथ इसके रखरखाव का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही युवा यहां आईआईटी रुड़की से मान्य आईटीडीए के विभिन्न कम्प्यूटर कोर्सेज भी कर सकेंगे।

राज्य सरकार युवाओं को ड्रोन तकनीक से जोड़ने के लिए 12 जनपदों में ड्रोन एप्लीकेशन एंड रिसर्च सेंटर खोल रही है। देहरादून के ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में ड्रोन सेटेलाइट सेंटर के उद्घाटन से इसकी शुरुआत हुई है। उत्तरकाशी जनपद में यह केंद्र विकास भवन लदाड़ी क्षेत्र में जिला पंचायत राज विभाग के भवन में खोला जा रहा है। पीपीपी मोड (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) में खुलने वाले केंद्र में 1 अप्रैल से पहला सत्र शुरु होगा। जिसमें 25 युवाओं को ड्रोन संचालन के साथ इसके रखरखाव का प्रशिक्षण दिया जाएगा। आईटीडीए कैल्क (कंप्यूटर एकेडमी ऑफ लर्निंग सेंटर) के नाम से खुल रहे केंद्र के प्रबंधक सुभाष भंडारी ने बताया कि वर्तमान समय में केंद्र में कम्प्यूटर और नेटवर्किंग सिस्टम लगाने के लिए कार्रवाई शुरु कर दी गई है। साथ ही ढाई-ढाई लाख रुपए कीमत के दो ड्रोन भी खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आईटीडीए कैल्क ने ड्रोन संचालन के लिए उनके दो लोगों को प्रशिक्षण दिया है। जो प्रशिक्षुओं को ड्रोन संचालन की बारीकियां सिखाएंगे।
ये होंगे कोर्स
केंद्र में युवा कंप्यूटर से संबंधित विभिन्न डिप्लोमा व सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकेंगे। इनमें सर्टिफिकेट इन कंप्यूटर बेसिक, सर्टिफिकेट इन सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी, सर्टिफिकेट इन वेब डेवलपमेंट, सर्टिफिकेट इन एकाउंटिंग एप्लीकेशन, सर्टिफिकेट इन डीटीपी, डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन, डिप्लोमा इन वेब डेवलपमेंट, डिप्लोमा इन बेसिक कंप्यूटिंग, पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन (पीजीडीसीए) आदि शामिल हैं। जिनकी अवधि एक माह से लेकर डेढ़ साल तक ही है।
आईटीडीए राज्य समन्वयक वा वीरेंद्र चौहान ने बताया कि
राज्य के युवाओं को ड्रोन साथ आईटी प्रशिक्षण देने के लिए यह केंद्र खोले जा रहे हैं। जिसमें उत्तराखंड कौशल विकास नीति के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 60 लाख रुपए का बजट भी मिल चुका है। प्रदेशभर में एक अप्रैल से शुरु होने वाले सत्र के जरिये 300 ड्रोन पायलट तैयार होंगे। जिनका सहयोग जिला स्तर पर स्वास्थ्य के साथ आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भी लिया जा सकेगा।