उत्तरकाशी।
भैय्यादूज के पावन पर्व पर विश्व प्रसिद यमुुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। शीतकाल में श्रद्घालु खरसाली गांव में मां यमुना की पूजा अर्चना कर सकेंगे। आज मां यमुना के भाई शनिदेव (सोमेश्वर देवता) की डोली मां यमुना को लेने यमुनोत्री धाम पहुंची। धाम से तय मुहूर्त पर मां यमुना व सोमेश्वर देवता की डोली खरशाली के लिए रवाना हुई।

आज बृहस्पतिवार को ठीक 12 बजकी 9 मिनट पर विधि विधान एवं विशेष पूजा अर्चना के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट बंद कर दिए गए हैं। मां यमुना के मायके खरशाली गांव से आज सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर मां यमुना के भाई शनिदेव सोमेश्वर देवता की डोली यमुुनोत्री के लिए रवाना हुई। डोली करीब पौने बारह बजे यमुनोत्री धाम पहुंची। भैय्यादूज पर्व के अवसर पर मां यमुना व भाई सोमेश्वर देवता का मिलन हुआ। यमुनोत्री धाम पहुंच कर सोमेश्वर देवता की डोली ने यमुना नदी में स्नान किया। मां यमुना व शनिदेव सोमेश्वर देवता की डोली करीब सवा बारह बजे शीतकालीन पड़ाव खरशाली के लिए रवाना हुई। तीर्थ पुरोहित मनमोहन उनियाल ने बताया कि करीब तीन बजे मां यमुना की डोली खरशाली स्थित शनिदेव सोमेश्वर देवता मंदिर चौक पहुंची। इसके बाद मां यमुना की डोली अपने शीतकालीन मंदिर में विराजमान हुई। इस मौके पर खरसाली गांव में ग्रामीणों ने मां यमुना की डोली का भव्य स्वागत किया।