उत्तरकाशी।
उत्तराखंड के चारधाम की पैदल यात्रा तीर्थयात्री पौराणिक काल के पैदल मार्ग से कर सकेंगे। 1200 किमी के इस पैदल ट्रैक को पुर्नजीवित किया जा रहा है। इस पौराणिक मार्ग पर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। तीर्थयात्री 55 से 60 दिन के भीतर चारों धामों की पैदल यात्रा पूरी कर सकेंगे।
उत्तराखंड टूरिज्म डेवलमेंट बोर्ड व ट्रैक द हिमालया ने चारोंधामों के पौराणिक मार्ग को पुर्न-जीवित (री-ट्रैस) करने के लिए ऋषिकेश से पैदल यात्रा प्रारंभ की है। 25 अक्टूबर को सीएम पुष्कर धामी ने सीएम आवास से दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। अभियान के प्रोजेक्ट मैनेजर राकेश पंत ने बताया कि अभियान दिसंबर माह के अंत तक पूरा किया जाएगा। अभियान पर एक डाक्यूमेंट्री तैयार करने के साथ ही किताब भी प्रकाशित की जाएगी। अभियान दल ने इस पौराणिक मार्ग से यमुनोत्री तक का पैदल सफर पूरा कर लिया है। पंत ने बताया कि यह ट्रैक करीब 1200 किमी मीटर का है। पुर्न जीवित करने के बाद पौराणिक पैदल मार्ग पर सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यहां होम स्टे को बढ़ावा दिया जाएगा। राकेश पंत ने बताया कि इस मुख्य पैदल मार्ग को पुर्नजीवित करने के बाद हिमालय क्षेत्र के अन्य ट्रैकों को पुर्न जीवित कर इस मुख्य ट्रैक में शामिल किया जाएगा। तीर्थयात्री पौराणिक पैदल मार्ग से चार धाम की यात्रा 55 से 60 दिनों में पूरी कर सकेंगे।
पौराणिक ट्रैक को री-ट्रेस करने वाले दल में 25 लोग शामिल हैं। जिनमें एसडीआरएफ, उत्तराखंड पर्यटन व ट्रैक द हिमलाय के सदस्य शामिल हैं।
-पौराणिक ट्रैक को पुर्न जीवित करना।
– पर्यावरण के अनुकूल यात्रा को विकसित करना।
– पहाड़ों में वन्य जीव संरक्षण के प्रति जागरुकता फैलाना।
– पहाड़ी क्षेत्र के युवाओं के लिए संसाधन, मार्गदर्शन, प्रशिक्षण व रोजगार के अवसर प्रदान करना।
– पौराणिक यात्रा मार्ग को कैसे सुरक्षित बनाया जाए।
– पौराणिक ट्रैक को अंतर राष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाना।