मुम्बई। प्रसिद्ध अभिनेता नसीरुद्दीन शाह तालिबान पर दिए गए अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। उनके बयान पर काफी प्रतिक्रिया आई और वो खूब वायरल हुआ। अब नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि उन्हें कुछ दशकों पहले ऐसी बातें कहने की जरूरत ही नहीं होती क्योंकि तब समाज धार्मिक आधार पर इतना बंटा नहीं था। नसीरुद्दीन शाह ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने ये बातें कहीं। जब उनसे पूछा गया कि क्या अब भारत के हालात बदल गए हैं तो उन्होंने जवाब दिया बदले तो हैं उसमें क्या शक है। वो तो आपके सामने है। 10 साल में ही इस कदर हालात बदले हैं कि कभी-कभी अपना मुल्क ही पहचान में नहीं आता। जैसे कि कुणाल कामरा ने कहा जो बातें चार ड्रिंक पीने के बाद कही जाती थीं अब वो सुबह की काफी के बाद कही जाती है। देश के अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय पर बात करते हुए उन्होंने कहा हमें इस बात का सामना करना पड़ेगा कि आज की सत्ता चाहती है कि हमारे मुसलमानों के अंदर खौफ हो। वो चाहते हैं कि हम डरें। और सबसे बड़ी गलती हम करेंगे अगर डरने लगें। डर हमें दिल से निकाल देना चाहिए और हमें फक्र करना चाहिए कि ये हमारा मुल्क है यहां से हमें कोई खदेड़ नहीं सकता। नसीरुद्दीन शाह ने आगे कहा कि मुस्लिम समुदाय खुद को इस काबिल बनाए कि उन्हें खुद वो जगह दी जाए। अगर मुस्लिम पिछली सदी में जीते रहेंगे तो ऐसा होना मुश्किल है।
नितिन चंद रमोला
संपादक