आगामी 25 नवंबर को देव डोली व पश्वा देवल पट्टा से होगी रवाना,हिमाचल में एक साल प्रवास रहेंगे ईष्ट देव
उत्तरकाशी पोस्ट,मोरी।
फतेपर्वत पट्टी के इष्टदेव शेड़कुड़िया महासू महाराज की डोली 100 वर्ष बाद हिमाचल प्रदेश की प्रवास यात्रा पर निकल रहे हैं। 25 नवंबर को शेड़कुड़िया महाराज की देव डोली व पश्वा की पैदल प्रवास यात्रा फतेपर्वत के देवलपट्टा से प्रस्थान करेगी। जो 28 नवंबर को हिमाचल प्रदेश के खशधार पहुंचेगी। शेड़कुड़िया महासू महाराज समिति की ओर यात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
शेड़कुड़िया महासू महाराज मोरी ब्लाक के गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र के फतेपर्वत पट्टी के आराध्य देव है। जिनकी डोली यात्रा 100 वर्ष बाद फतेपर्वत के देवलपट्टा से प्रस्थान कर हनोल महासू मंदिर देहरादून में रात्रि विश्राम करेगी। 26 नवंबर को यात्रा हनोल से प्रस्थान कर आराकोट उत्तरकाशी में रात्रि विश्राम करने के बाद 27 नवंबर को आराकोट से प्रस्थान कर हाटकोटी मंदिर हिमाचल प्रदेश में रात्रि विश्राम करेगी। 28 नवंबर को हाटकोटी से प्रस्थान कर खशधार हिमाचल प्रदेश पहुंचेगी। यहां देवता एक साल के प्रवास पर रहेगी। पूर्व जिला पंचायत सदस्य रोजी सिंह व रणदेव कुंवर ने बताया कि यात्रा के दौरान फतेपर्वत, मोरी, बंगाण, जौनसार बावर देहरादून सहित हिमाचल प्रदेश के श्रदालु भारी संख्या में शामिल होंगे। शेड़कुड़िया महासू महाराज समिति फतेपर्वत ने यात्रा की तैयारी पूरी कर दी है। समिति ने यात्रा सुचारु बनाए रखने के लिए डीएम उत्तरकाशी, देहरादून तथा शिमला से सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने की मांग की है।
शेड़कुड़िया महासू महाराज समिति अध्यक्ष रणदेव कुंवर ने बताया कि शेड़कुड़िया महासू महाराज फतेपर्वत पट्टी के आराध्य देव के पांच थोक है। देवता की डोली प्रत्येक वर्ष थोक की यात्रा कर एक वर्ष के प्रवास पर रहती है। अब गत 100 वर्ष बाद हिमाचल प्रदेश के एक वर्ष के प्रवास पर जाने के बाद यहां देवता के 6 थोक बन गए है। अब देवता इन 6 थोक में एक, एक वर्ष के प्रवास पर रहेगा, यानी प्रत्येक थोक में देवता की डोली 6 वर्ष बाद प्रवास करेगी।