उत्तरकाशी।
पुलिस ने जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण के खिलाफ गबन समेत विभिन्न आरोपों में मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसके अलावा मामले में संबंधित जिला पंचायत के कर्मचारियों व ठेकेदारों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है। हालांकि इनका नाम अभी खोला नहीं गया है। विवेचना के दौरान इनका नाम भी शामिल किया जाएगा। मुकदमा उप निरीक्षक एवं बाजार चौकी प्रभारी प्रकाश राणा की तरफ से लिखाया गया है। जिसकी विवेचना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार को सौंपी गई है।
आपको बता दें कि बीते दो जनवरी को शासन ने वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दी थी। बिजल्वाण पर विकास कार्यो में घोर वित्तीय अनियमितता का आरोप है। अध्यक्ष के खिलाफ एसआईटी जांच की गई थी। नवंबर 2022 में एसआईटी ने जांच पूरी करने के बाद शासन से मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। लेकिन शासन ने जांच में कुछ जरूरी तथ्य शामिल करने के निर्देश दिए थे। हाल में जांच रिपोर्ट में वित्तीय अनियमिता की पुष्टि होने पर पुलिस ने शासन से बिजल्वाण के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। बीते 3 जनवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष पर मुकदमा दर्ज कराए जाने संबंधी शासन का पत्र उत्तरकाशी पुलिस को मिल गया था। जिस पर शुक्रवार देर शाम पुलिस ने जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण के खिलाफ मुुकदमा दर्ज किया। पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। जिला पंचायत से मामले से संबंधित मूल दस्तावेजों को कब्जे में लिया जाएगा। जल्द विवेचना पूर्ण कर ली जाएगी। विवेचना के लिए विशेष टीम भी गठित की जा सकती है। जिसकी निगरानी एसपी व सीओ करेंगे। सीओ अनुज कुमार ने बताया कि जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ धोखाधड़ी, सरकारी धन का दुरपयोग, गबन व आपराधिक षडयंत्र रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार को सौंपी गई है।
इन धाराओं में किया गया है मुकदमा
पुलिस ने दीपक बिजल्वाण के खिलाफ 420 (धोखाधड़ी), 406 (सरकारी धन का गलत प्रयोग), 409 (गबन) व आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र रचने) के तहत मुुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि विवेचना के दौरान कूट रचना पाए जाने पर गंभीर धाराओं में वृद्घि हो सकती है।
यह है जिला पंचायत का मामला
जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण पर बिना कार्य कराए ही कार्यदायी संस्था और ठेकेदारों को भुगतान करने का आरोप है। उन्होंने टेंडर आवंटन में भी पारदर्शिता का ध्यान नहीं रखा गया। शिकायत पर शासन ने पहले उत्तरकाशी के जिलाधिकारी और फिर मंडलायुक्त से जांच कराई। जांच में प्रथमदृष्ट्या आरोप सही पाए गए। उत्तरकाशी जिला पंचायत के तत्कालीन प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी अभियंता संजय कुमार और जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को जिम्मेदार ठहराया गया। इसके बाद शासन ने बिजल्वाण को अक्टूबर 2021 में कारण बताओ नोटिस जारी किया। उनका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। ऐसे में बिजल्वाण और प्रभारी अपर मुख्य अधिकारी को पद से हटा दिया गया। पद से हटाए जाने के शासन के निर्णय के खिलाफ बिजल्वाण में ही हाईकोर्ट चले गए थे। हाईकोर्ट ने उनकी अर्जी पर विचार करते हुए उन्हें बहाल करने के आदेश दिए थे।