उत्तरकाशी।
रोमांच के शौकीनों को गरतांग गली का दीदार करना खूब भा रहा है। समुद्र तल से करीब 11 हजार फीट की ऊंचाई पर गंगोत्री नेशनल पार्क में पड़ने वाली गरतांग गली आजकल पर्यटकों की चहल कदमी से गुलजार है।
गरतांग गली गंगोत्री नेशनल पार्क के लिए एक बड़ा आय का स्रोत भी बन गया है। बीते एक सप्ताह में 62 हजार लोग गरतांग गली का दीदार कर चुके है।
भारत चीन सीमा के निकट नेलांग वैली में स्थित गरतांग गली 150 साल पुरानी है। यह गली भारत-तिब्बत के बीच व्यापारिक रिश्तों की साक्षी है। खड़ी चट्टान काटकर तैयार की गई यह गली एक तरह से लकड़ी का पुल है। 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद इसे बंद कर दिया गया था। हाल में जिला प्रशासन और लोनिवि ने गरतांग गली में 64 लाख की लागत से इसकी मरम्मत कराई। 18 अगस्त से इसे पर्यटकों की आवाजाही के लिए खोला गया। गंगोत्री नेशनल पार्क ने शुरू में पर्यटकों से किसी प्रकार का शुल्क नही लिया। लेकिन 9 सिंतबर से गरतांग गली पहुँच रहे पर्यटकों से 150 से 600 रुपये तक का शुल्क लिया जा रहा है। पार्क प्रशासन ने देशी पर्यटकों के लिए 150 व विदेशी पर्यटकों के लिए 600 रुपये निर्धारित शुल्क रखा गया है।
कोट…
गंगोत्री नेशनल पार्क के वन क्षेत्राधिकारी प्रताप पंवार ने बताया कि 9 से 15 सिंतबर के बीच 415 पर्यटक गरतांग गली पहुँचे है। जिन से पार्क प्रशासन को 62250 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।