
डुंडा (उत्तरकाशी)।
डुंडा प्रखंड के बल्ला के ग्रामीणों ने गांव तक सड़क की मांग को लेकर रविवार से अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने कहा कि वह वर्ष 2002 से सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि और शासन प्रशासन की उपेक्षा के चलते उनकी मांगों को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है।गुस्साएं ग्रामीणों ने जल्द सड़क की मांग पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं करने आगामी विधान सभा चुनाव में मतदान नहीं करने की चेतवानी दी है।
डुंडा प्रखंड के बल्ला गांव के ग्रामीण वर्ष 2002 से सैणी, कुराह, जखारी होते हुये बल्ला गांव तक सड़क की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों की मांग पर 24 फरवरी 2014 को डुंडा के रेणुका मंदिर प्रांगण से तत्कालीन सीएम हरीश रावत ने बल्ला गांव को सड़क से जोड़ने की घोषणा की थी। लेकिन घोषण के आठ साल बाद भी गांव तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। ग्रामीण हीरामणी भट्ट ने कहा कि गांव तक सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को रोजना मूलभूत समस्याओं से जूझना पड़ा रहा है। गांव में किसी भी महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसे विषम भौगोलिक परिस्थितियों के साथ डंडी कंडी के सहारे डुंडा अस्पताल पहुंचाना पड़ता है। साथ ही फल व सब्जी समेत अन्य नगदी फसलों को बाजार तक नहीं पहुंचा पाते हैं।ग्रामीणों ने सैणी, कुराह व जखारी होते हुये बल्ला गांव तक शीघ्र सड़क की स्वीकृति नहीं दिलाने पर आगामी विधान सभा चुनाव में मतदान नहीं करने की चेतवानी दी है। धरने पर राजेश सिलवाल, गिरीश भट्ट, प्रवीन, राकेश, महावीर प्रसाद, कामदेव, गंगाराम व जयप्रकाश आदि मौजूद रहे।