उत्तरकाशी पोस्ट।
घरों में दरारों का दंश झे रहे मस्ताड़ी गांव के ग्रामीणों ने प्रशासन को 10 जुलाई तक का समय दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर तीन दिन के भीतर गांव की सुरक्षा के उचित कदम नहीं उठाया जाता है। तो आगामी 11 जुलाई से गांव के मंदिर में सभी ग्रामीण भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। इस संबध में ग्रामीणों ने एडीएम के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन प्रेषित किया। शुक्रवार को मस्ताड़ी ग्राम प्रधान सत्यनारायण सेमवाल के नेतृत्व में ग्रामीण जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे।
![](https://uttarkashipost.in/wp-content/uploads/2023/07/IMG-20230707-WA0321-1024x473.jpg)
जहां पर जिलाधिकारी के न मिलने पर एडीएम को ज्ञापन सौंप कर 11 जुलाई से भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। ग्रामीणों का कहना है कि 1998 में उत्तर प्रदेश सरकार के समय भी गांव का भूगर्भीय सर्वे हुआ था। उस समय गांव को विस्थापित करने की बात कही गई थी। लेकिन आज 25 वर्ष से ऊपर का समय हो गया। उत्तराखंड बनने के बाद भी शासन-प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है। इसलिए अब लड़ाई को अंतिम चरण पर लड़ा जाएगा। 10 जुलाई तक अगर गांव की सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं होते हैं। तो 11 जुलाई से गांव के मंदिर में भूख हड़ताल शुरू की जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी। एडीएम तीर्थपाल ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि गांव के सर्वे के लिए उच्चस्तरीय भूगर्भीय वैज्ञानिकों की टीम के लिए पत्र भेजा गया है। एक बार फिर पत्र को दोबारा भेजकर जल्द सर्वे करवाया जाएगा। वहीं शुक्रवार को एसडीएम भटवाड़ी चत्तर सिंह चौहान ने राजस्व विभाग की टीम के साथ मस्ताड़ी गांव का निरीक्षण किया। चौहान ने बताया कि गांव का निरीक्षण किया गया। वहां पर घरों में दरारें आई हैं। इसकी विस्तृत रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेज गई है। उसके बाद ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।