उत्तरकाशी पोस्ट।
औषधीय गुणों से भरपूर लाल धान की फसल अब गंगाघाटी में भी लहलहाएगी। डीएम अभिषेक रूहेला की पहल पर कृषि विभाग ने गंगा घाटी के लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में इस साल लाल धान की पैदावार उगाने की तैयारी की है। डीएम ने आज उतरौं गॉंव में ग्रामीणों के साथ लाल धान की पौध की रोपाई कर इस अभियान की शुरूआत की।
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लाल चावल में आम चावल की तुलना में कई गुना अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह धान मधुमेह तथा उच्च रक्तचा के रोगियों के लिए उपयुक्त माना जाना है। चेहरे की रंगत को कायम रखने में भी लाल चावल सहायक माना जाता है। इसके साथ ही इसमें कैंसर रोधी गुण भी पाए जाते हैं। इन्हीं औषधीय गुणों के कारण लाल धान की मांग और कीमत आम धान की तुलना में काफी अधिक है। रवांई क्षेत्र यमुना व टौंस नदी के मध्यवर्ती इलाकों में लाल धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। रवाईं के लाल धान ने जनपद में अपनी अलग पहचान बनाई है। पुरोला के रामा सिंराईं व कमल सिराई में लाल धान की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। लेकिन इसका उत्पादन सीमित क्षेत्र में होने के कारण बाजार की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। लाल चावल का बाजार मूल्य आम तौर पर 120 रुपये प्रति किलो है।
डीएम अभिषेक रूहेला की पहल पर कृषि विभाग ने लाल धान के रकवे को रवाईं क्षेत्र से बाहर तक विस्तार देकर जिले की गंगा घाटी के चिन्यालीसौड़, डुंडा और भटवाड़ी ब्लॉक के 30 से अधिक गांवों में लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में इसे उगाने की योजना बनाई है। इस पहल को जमीन पर उतारने के लिए खुद डीएम अभिषेक रूहेला ने उतरौं गांव जाकर खेत में पावर बीडर से जुताई कर धान की रोपाई की शुरूआत करवाई। मुख्य कृषि अधिकारी जेपी. तिवारी ने बताया कि पहले चरण में गंगा घाटी के लगभग 600 किसानों को लाल धान उगाने की मुहिम में शामिल किया गया है। इस प्रयास को अगले दौर में और अधिक विस्तार दिया जाएगा। उत्तरौं गांव में डीएम अभिषेक रुहेला को अपने बीच पाकर ग्रामीण काफी उत्साहित और अभिभूत नजर आए।