उत्तरकाशी :
विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट शनिवार को भैयादूज के पावन पर्व पर दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। यमुना की डोली के मंदिर से बाहर निकलते ही यमुना के जयकारों का धाम का वातावरण कुछ देर के लिए भक्तिमय हो गया। जिसके बाद शनिदेव की अगुआई में पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ यमुना जी की डोली शीतकालीन प्रवास खरसाली के लिए रवाना हुई।
शनिवार को भैयादूज के अवसर पर यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत सुबह से ही धाम विशेष पूजा अर्चना की गई। ठीक आठ बजे खरसाली से अपनी बहन यमुना जी को लेने के लिए शनिदेव की डोली यमुनोत्री के लिए रवाना हुई। जो सुबह साढ़े दस बजे यमुनोत्री धाम पहुँची। यमुनोत्री धाम में सुबह से लेकर दोपहर तक पहुंचे श्रद्धालुओं ने यमुना के दर्शन किए। अभिजीत मुहूर्त के शुभ अवसर पर दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर धाम के कपाट बंद किए गए।