बडकोट (उत्तरकाशी)।
सर बडियार पट्टी के आठ गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र होने के बाद भी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। उपकेंद्र में मेडिकल स्टॉप न होने से नव निर्मित भवन के कमरों पर ताला लटका है। जिस कारण आठ गांवों में किसी भी ग्रामीण का स्वास्थ्य खराब होने पर पांच से छह किलोमीटर पैदलक चलकर सड़क मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है। इसके बाद ग्रामीण वाहन से बड़कोट या नौगांव अस्पताल पहुंचकर उपचार कराते हैं।
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स्वास्थ्य विभाग ने कुछ वर्ष सर बडियार पट्टी के लेवटाड़ी, डिंगाड़ी, किंमडार,कसलौं,पौंटी,गौल व छानिका के लिए सर गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन बनाया था। उपकेंद्र में दो एएनएम व एक सीएचओ की तैनाती की गई। लेकिन वर्तमान में कोई भी मेडिकल स्टॉफ उपकेंद्र में बैठने को तैयार नहीं है। जिस कारण नव निर्मित उपक्रेंद्र भवन में ताले लटके है। समाज सेवी कैलाश रावत ने बताया कि उपकेंद्र में कोई भी मेडिलकल स्टॉफ नहीं बैठता है। जिसके चलते ग्रामीणों को वायरल होने पर भी बड़कोट और नौगांव जाना पड़ता है। उन्होंने स्थानीय विधायक दुर्गेश्वर लाल व सीएमओ डा.केएस चौहान से स्वास्थ्य केंद्र का उच्चीकरण कर फार्मेसिस्ट के साथ पर्याप्त मेडिकल स्टॉफ की तैनाती की मांग की है। आपको बता दें कि सर बडियार पट्टी के आठ गांव अभीतक सड़क सुविधा से नहीं जुड़ पाये हैं। हालांकि गांव के लिए अब सड़क निर्माण का कार्य जारी है। लेकिन आठ गांव के ग्रामीणों का स्वास्थ्य फिलहाल भगवान भरोस है। सबसे ज्यादा दिक्कते गर्भवति महिलाओं को होती, जिन्हे ग्रामीण प्रसव पीड़ा होने पर डंडी-कंडी में लादकर करीब पांस से छह किलोमीटर पैदल चलकर सड़क मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है।