उत्तरकाशी।
चीन सीमा से लगे जादूंग गांव में जाड़-भोटिया समुदाय का धार्मिक मेला हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ, मेले में रिंगाली देवी, लाल देवता, पांडव देवता व चैन देवता की विशेष पूजा अर्चना की गई। भारत-चीन युद्ध वर्ष 1962 के चलते विस्थापित इस गांव में मेला आयोजन के लिए समुदाय के लोगों ने जिला प्रशासन से विशेष अनुमति ली थी। जिसमें करीब 135 ग्रामीण शामिल हुए।
भारत-चीन सीमा से विस्थापित जाड़-भोटिया समुदाय के लोग हर्षिल, बगोरी व डुंडा में निवास करते हैं। जो प्रति वर्ष अपने पैतृक गांव जादूंग में धार्मिक मेले के लिए पहुंचते हैं। इस साल भी गांव में मेले का आयोजन किया गया।
जिसमें बगोरी गांव से रिंगाली देवी, नेलांग व जादूंग से पहुंचे लाल देवता, पांडव देवता और चैन देवता का स्वागत किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में बगोरी गांव से पहुंचे समुदाय से जुड़े लोग शामिल हुए। इस मौके पर भवान सिंह, गजेंद्र सिंह, मस्तराम, अशोक, गोविंद सिंह, धर्म सिंह, मदन सिंह, जगत सिंह, देवकी, श्याम देई, कौशल्या, सीता, होसल आदि शामिल हुए।