उत्तकाशी।
सिंचाई नलकूप खण्ड में तैनात ऑपरेटरों ने धामी सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया, आपरेटरों का कहना है कि सरकार ने आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के हित में निर्णय लिए हैं। लेकिन नलकूप खण्ड ऑपरेटरों की उपेक्षा की जा रही है। आपरेटर समान कार्य समान वेतन समेत अन्य मांगों के लिए लंबे समय से आंदोलित हैं।
सिंचाई नलकूप खंड श्रमिक संगठन के अध्यक्ष एसएस बिष्ट ने उत्तराखंड सरकार पर नलकूप आपरेटरों से सौतेला व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया। बिष्ट ने कहा कि जनपद में करीब 50 लोग वर्ष 2005 से नलकूप आपरेटर के रूप में एजेंसी के माध्यम से तैनात है। आपरेटरों को एक माह में मात्र 6 हजार का मानदेय मिलता है। जिसमें से आपरेटर को अपने सहायक को भी देना होता है। बिष्ट ने कहा कि आपरेटरों को बरसात के दौरान उफनती नदियों के किनारे भी कार्य करना पड़ता है। बावजूद इसके ऑपरेटरों को कोई सुविधा नहीं दी जाती है। आपरेटर लंबे समय से मानदेय वृद्घि व निजीकरण व्यवस्था समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। नलकूप आपरेटरों ने विधान सभा सत्र में उनके हित में प्रस्ताव पास कराए जाने की मांग सरकार से की है।
