उत्तरकाशी।
डिप्लोमा इन माउंटेरिंग एंड अलाइड स्पोर्टस का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण (फील्ड वर्क) नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में संपन्न हुआ। पाठ्यक्रम का संचालन गार्डियन गिरीप्रेमी पर्वतारोहण संस्थान (जीजीआईएम) व नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) संयुक्त रूप से कर रहे हैं। पाठ्यक्रम की संबद्घता सावित्रीबाई फुले विवि पूणे से है।
प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के समापन मौके पर डिप्लोमा इन माउंटेरिंग एंड अलाइड स्पोर्टस पाठ्यक्रम के प्रशिक्षणार्थियों का बैच अलंकरण किया गया। इस मौके पर भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रो. हर्षवंती बिष्ट भी मौजूद रही। प्रो. बिष्ट ने कहा कि यह पाठ्यक्रम भारतीय पर्वतारोहण के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि उक्त एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम में 40 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रतिभाग किया है। सैद्घाांतिक पाठ्यक्रम पूर्ण करने के बाद प्रशिक्षणार्थी प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के लिए एक मार्च को निम पहुंचे थे।
यहां 24 दिनों के प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण लिया। इस दौरान निम के तेखला रॉक क्लाइंबिंग क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया गया। इसके अलावा डोकरियानी बामक क्षेत्र में स्नो क्राफ्ट, आइस क्राफ्ट,मैप रीडिंग, नेविगेशन व क्रेवास क्रॉसिंग आदि का प्रशिक्षण भी दिया गया। कर्नल बिष्ट ने बताया कि पहली बार पर्वतारोहण को एक विषय के रूप में मान्यता मिली है। उक्त पाठ्यक्रम जीजीआईएम व निम में संयुक्त रूप से संचालित हो रहा है। अनुबंध के अनुसार उक्त पाठ्यक्रम का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण निम में संपन्न किया जाएगा। बैच अलंकरण कार्यक्रम में गार्डियन गिरीप्रेमी पर्वतारोहण संस्थान के निदेशक उमेश जिरपे, संस्थापक अध्यक्ष उषा प्रभा पागे आदि मौजूद रहे।