उत्तरकाशी।
रवांईघाटी के आराध्य देव रुद्रेश्वर महाराज की विधि विधान और विशेष धार्मिक अनुष्ठान के साथ कंडाऊं गांव स्थित मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान हो गए। इस मौके पर क्षेत्र के विभिन्न गांव ग्रामीण अपने आराध्य के दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में कंडाऊं गांव पहुंचे। इस दौरान मंदिर परिसर में महिलाओं, बच्चो व बुजुर्गो ने देवता की पालकी के साथ नृत्य कर सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा।

कंडाऊं गांव मंदिर समिति की ओर से रुद्रेश्वर महाराज के मंदिर गर्भ गृह में विराजित होने पर भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे से पूर्व देवता के पुजारी अमन सेमवाल ने श्रद्धालुओं को मूर्ति के अंतिम दर्शन करवाए। आपको बता दें कि रुद्रेश्वर देवता की डोली ने एक माह तक भ्रमण कर 27 गांवों में रात्री प्रवास किया।
समिति के अध्यक्ष फुलक राणा ने बताया कि देवता के देवलसारी, कंडाऊं, बजलाड़ी,और तीयाँ गांव में चार थान हैं, जिनसे 65 गांव गांव की आस्था जुड़ी हुई है। प्रत्येक गाँव में आराध्य देव रुद्रेश्वर महाराज का प्राचीन मंदिर है। सभी गांव में बारी-बारी से एक वर्ष के लिए देवता की मूर्ति को भंडारे के साथ स्थापित किया जाता है। इस दौरान कंडाऊं मंदिर समिति के अध्यक्ष फुलक सिंह राणा, मोहन सेमवाल, प्रेम सिंह राणा, दिनेश राणा, बलदेव चौहान, प्रधान सीमा सेमवाल, पूर्व प्रधान सुनीता नौटियाल, जोगेश्वर प्रसाद आदि मौजूद रहे।