– देश की प्रमुख मंडियों से नासिक व बैंगलुरु के टमाटर पहुंचने से दाम में आई भारी गिरावट
उत्तरकाशी।
देश की प्रमुख मंडियों में टमाटर के दाम में आई गिरावट के कारण नौगांव क्षेत्र के किसानों को सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं। जिस कारण नौगांव क्षेत्र में टमाटर की बंफर पैदावार करने वाले किसान काफी मायूस है। किसानों ने सरकार से टमाटर का समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग की है।
यमुनाघाटी के विकास खंड नौगांव और पुरोला में करीब 12000 मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता है। रवांईघाटी में टमाटर प्रमुख नगदी फसल है। यहां करीब अस्सी प्रतिशत किसानों ने इस फसल को अपनी आजीविका का जरिया बनाया हुआ है। वर्ष 2002 में क्षेत्र में पहली बार टमाटर की फसल का उत्पादन शुरू हुआ था। आज गांव के गांव टमाटर का उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन मंडियों में नासिक व बैंगलुरु के टमाटर पहुंचना शुरू होने के बाद टमाटर के दाम में भारी गिरावट आई है।
किसानों ने जून माह के अंतिम में टमाटर की फसल को देहरादून, विकासनगर, रुड़की की मंडियों में भेजना शुरू कर दिया था। तब किसानों को 35 से 40 रूपये प्रति किलो की शुद्ध बचत आ रही थी। लेकिन अचानक मंडी का भाव गिरना शुरू हो गया, अब किसानों को उसी मंडी में उसी टमाटर पर मात्र 3 से 4 रूपए की ही शुद्ध बचत मिल पा रही है। पच्चीस किलो की एक कैरेट पर मण्डी तक ट्रक भाड़ा, आढ़त, व लोडिंग, अनलोडिंग का करीब 130 से 150 रुपये तक खर्चा आ जाता है। जबकि खाद, बीज, दवा और काश्तकार की मेहनत अलग है। देवराना घाटी फल सब्जी उत्पादक एसोसिएशन के अध्यक्ष जयेंद्र सिंह राणा का कहना है कि मंडियों में टमाटर के भाव गिरने से कई किसान लागत की भी वसूली नहीं कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार को टमाटर का समर्थन मूल्य घोषित करना चाहिए।