उत्तरकाशी।
भर्ती घोटाले के खिलाफ चल रहे संयुक्त संघर्ष समिति के क्रमिक धरना प्रदर्शन को आप नेता जोत सिंह बिष्ट ने अपना समर्थन दिया है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विधानसभा भर्ती घोटाले में भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेताओं ने स्वीकारा कि,लेकिन बिष्ट की आप को अवसर मिलता तो आप क्या करते..? उन्होंने जनता का हक मारकर अपने परिवार के सदस्यों को नौकरी दी। इसलिए मुख्यमंत्री सीबीआई जांच से बच रहे हैं। उन्होंने एसटीएफ को राज्य सरकार का तोता बताते हुए भर्ती घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की।
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आज सोमवार को आम आदमी पार्टी के प्रदेश समन्वयक जोत सिंह बिष्ट भर्ती घोटाले के खिलाफ हनुमान चौक के समीप चल रहे आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे। इस अवसर पर धरने को संबोधित करते हुए कहा कि जब विधानसभा भर्ती घोटाले में सरकार की खूब छिछालेदारी हुई तो नेताओं ने कहा कि उन्होंने नियमानुसार भर्ती की है। लेकिन किस नियम में किए, यह नियम नहीं बता पाए। कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हैं, लेकिन कानून के अनुसार नियमों को तोड़कर नहीं। जब राज्य बना तो अंतरिम सरकार में प्रथम विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय प्रकाश पंत ने 130 भर्तियां की। 2002 में कांग्रेस की निर्वाचित सरकार बनी तो यशपाल आर्य ने 85 भर्तियां की। 2007 में स्व. हरबंश कपूर ने 35 भर्तियां की। इनमें उनकी बेटी भी थी। तीसरी निर्वाचित सरकार में गोविंद कुंजवाल ने सर्वाधिक 158 भर्तियां की। जिसमें आठ कुंजवाल हैं। पिछली विधानसभा में प्रेमचंद अग्रवाल ने 72 भर्तियां की। जिसमें 25 को संविदा पर लगाया गया। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 90 भर्तियां करी। जिनमें से 11 भर्तियों में धांधली का आरोप है। लेकिन केवल संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा की ही जांच हो रही है। उन्होंने कहा कि जैसे सीबीआई केंद्र सरकार का तोता है। इस मौके पर उक्रांद नेता विष्णुपाल रावत, आप जिलाध्यक्ष राजेंद्र बुटोला, पुष्पा चौहान, सामाजिक कार्यकर्ता शांति ठाकुर, दिनेश सेमवाल, दीपक रमोला, किशन लाल, रिंकी देवी, अतरा देवी, अरविंद पंवार, आशीष सोंदाल, चतर सिंह, नवीन सिंह, गीता गैरोला, राजीव राणा, दीक्षा, मधु, मोनिका, सुधा, चंद्रा नेगी, बबीता, ममता रावत, देवराज बिष्ट, भरत सिंह, धर्म सिंह चौहान आदि रहे।