उत्तरकाशी।
सीमांत जनपद में नौकर शाहों की गलतियां आम जन पर भारी पड़ रही है..? सरकार चाहे बीजेपी य फिर किसी अन्य दल की नेता जिम्मेदार नहीं..? ज़िम्मेदार सिर्फ एक सिस्टम..? भारत निर्वाचन आयोग के मतदाता जागरूकता अभियान के बाद भी लोग विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दे रहे हैं, आज बड़कोट नकोड़ा कपोला गांव की एक महिला ने स्वास्थ्य व सड़क के अभाव में दम तोड़ कर काल के गाल में समा गई, आज नाकोड़ा- कपोला गांव की बिजेन्द्री देवी आचानक काम काम करते चोटिल हो गई ,जिसके बाद ग्रामीण उसे पैदल सीएससी बड़कोट पहुंचा रहे थे। लेकिन महिला ने गांव से सात किमी दूर मुख्य सड़क तक पहुँचने से पहले ही दम तोड़ दिया। नकोड़ा कपोला गांव के ग्रामीण आजादी के दशकों बाद भी पैदल चलने को विवश है। गाँव में सड़क मार्ग न होने से ग्रामीणों को समय पर स्वास्थ्य सुविधा भी नहीं मिल पाती है। सिस्टम की बदौलत सड़क होती तो शायद महिला की जान भी बच सकती थी।
