उत्तरकाशी। ऋषिकेश से करीब 155 किलोमीटर दूरी पर स्थित उत्तरकाशी शहर भागीरथी नदी के तट पर बसा हुआ है। उत्तरकाशी धार्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण शहर है यहां भगवान विश्वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। यह शहर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां एक तरफ जहां पहाड़ों के बीच बहती नदियां दिखती हैं वहीं दूसरी तरफ पहाड़ों पर घने जंगल भी दिखते हैं। यहां आप पहाड़ों पर चढ़ाई का लुफ्त भी उठा सकते हैं। उत्तरकाशी का एक अन्य आकर्षण पर्वतारोहण है। यहां आप पर्वतारोहण का मजा ले सकते हैं। हर-की-दून, डोडीताल, यमुनोत्री तथा गोमुख से पर्वतारोहण किया जा सकता है। यहाँ पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी, पर्वतारोही के लिए प्रशिक्षण करवाता है। यहां प्राचीन विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर उत्तरकाशी के बस स्टैण्ड से 300 मीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना परशुराम जी द्वारा की गई थी तथा महारानी कांति ने 1857 ई. में इस मंदिर का मरम्मत करवाया। महारानी कांति सुदर्शन शाह की पत्नी थीं। इस मंदिर में एक शिवलिंग स्थापित है। उत्तरकाशी आने वाले पर्यटक इस मंदिर को देखने जरुर आते हैं। विश्वनाथ मंदिर के दायीं ओर शक्ति मंदिर है। इस मंदिर में 6 मीटर ऊंचा तथा 90 सेंटीमीटर परिधि वाला एक बड़ा त्रिशूल स्थापित है। इस त्रिशूल का ऊपरी भाग लोहे का तथा निचला भाग तांबे का है। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी दुर्गा शक्ति ने इसी त्रिशूल से दानवों को मारा था। बाद में इन्हीं के नाम पर यहां इस मंदिर की स्थापना की गई।
नितिन चंद रमोला
संपादक