उत्तरकाशी पोस्ट,देहरादून।
सरकारी अस्पतालों में तैनात लैब टेक्नीशियनों ने लंबित मांगों को लेकर आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। उन्होंने सरकार व शासन को बीस दिन का अल्टीमेटम दिया है। इस अवधि में मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।

उत्तराखंड मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश बड़वाल व प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर शर्मा ने कहा कि लैब टेक्नीशियन का काम बहुत ही महत्वपूर्ण व संवेदनशील है। पैथोलाजी लैब, ब्लड बैंक, वीआआईपी ड्यूटी समेत तमाम राष्ट्रीय कार्यक्रम में उनकी सक्रिय भागीदारी रहती है। वर्तमान समय में डेंगू, चिकन गुनिया, मलेरिया, टाइफाइड की जांचों में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैैं। कोरोना काल के दौरान भी उन्होंने अग्रिम मोर्चे पर रहकर अपनी जान को जोखिम में डालकर सभी की कोरोना सैम्पलिंग से लेकर टैस्टिंग कार्य में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन राज्य गठन के 22 साल होने के बाद भी उनकी घोर उपेक्षा की जा रही है। लैब टेक्नीशियन मांगों पर कार्रवाई के लिए शासन-प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं। लेकिन मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री के शासन को स्पष्ट आदेशों के बाद भी शासन द्वारा उनकी मांगों को लगातार नजर अंदाज किया जा रहा है।
ये लैब टेक्नीशियनों की मांग
-संवर्गीय ढांचा एवं नियमावली की कई साल से लंबित प्रक्रिया को अविलम्ब पूरा किया जाए।
-अन्य पैरामेडिकल संवर्ग (जिनका भर्ती स्रोत एवं शैक्षिक योग्यता समान है) के समान वेतनमान (ग्रेड वेतन 4600 ) उच्चीकृत किया जाए।
-केंद्र के समान जोखिम भत्ता दिया जाए।
-लैब टेक्नीशियन संवर्ग को भी वर्दी भत्ता एवं धुलाई भता दिया जाए।
-परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत नसबंदी कार्यक्रम में अन्य कैडर के समान प्रोत्साहन राशि दी जाय।
-गलत स्थानांतरण के प्रत्यावेदन पर शीघ्र कार्य वाही की जाय।