उत्तरकाशी। नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) एनडीआरएफ के जवानों को ग्लेशियर रेस्क्यू का प्रशिक्षण देगा। इसके लिए निम ने एनडीआरएफ के लिए स्पेशलाइजेशन कोर्स शुरू करने जा रहा है। प्रशिक्षण सितंबर-अक्टूबर माह में 100 जवानों को दिया जाएगा।

निम अब पर्वतारोहण के साथ ही राहत एवं बचाव कार्य के लिए भी विशेषज्ञता पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहा है। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) के प्रस्ताव पर निम ने ग्लेशियर रेस्क्यू का प्रशिक्षण देने के लिए यह कोर्स शुरू करने की तैयारी कर ली है। प्रशिक्षण के लिए एनडीआरएफ के 100 जवानों का चयन किया जाएगा। जिन्हें करीब एक माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस दौरान जवानों को ग्लेशियर क्षेत्र में क्रैवाश में गिरने और एवलांच में दबने से होने वाले हादसों के दौरान राहत एवं बचाव का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही ग्लेशियरों की प्रकृति के साथ ही ग्लेशियर क्षेत्र में पल-पल बदलने वाले मौसम का पूर्वानुमान लगाने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
डोकरानी बामक में होगा प्रशिक्षण
निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि यह प्रशिक्षण डोकरानी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में कराया जाएगा। यह भागीरथी बेसिन में स्थित एक
मध्यम आकार का ग्लेशियर है। जिसे स्थानीय लोग बामक भी कहते हैं। जो कि 5 किमी लंबा ग्लेशियर उत्तर-पश्चिम दिशा में बहता है और करीब 3,800 मीटर की
ऊंचाई पर समाप्त होता है।

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान प्रधानाचार्य कर्नल बिष्ट
बताया कि एनडीआरएफ के जवानों के लिए ग्लेशियर रेस्क्यू का स्पेशलाइजेशन कोर्स शुरू किया जा रहा है। इस संबंध में बल के डीजी अतुल करवाल से वार्ता हुई थी। यह कोर्स आगामी सितंबर-अक्टूबर माह में होना है। जिसकी अवधि 28 दिन की होगी।