
उत्तरकाशी।
ज़िला महिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही ने एक गर्भवति महिला की जान ली है। अस्पताल में प्रसव पीड़िता महिला ने ऑपरेशन के दौरान दम तोड़ा है। हालांकि महिला के पेट से जन्मी बच्ची स्वस्थ बताई जा रही है। महिला अस्पताल में प्रसव के दौरान 13 दिनों के भीतर यह दूसरी गर्भवती महिला की मौत है। ऐसे में जिला महिला अस्पताल बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे चल रही है।
प्रसव पीड़ित महिला की मौत के बाद परिजनो ने जिला अस्पताल में हंगामा कर प्रमुख अधीक्षक का घेराव किया।
जिला महिला अस्पताल में भण्डारस्यूं पट्टी के छमरोली गाँव की आशा देवी पत्नी प्रवीन नौटियाल को प्रसव के लिए भर्ती कराया था। सामान्य प्रसव न होने पर चिकित्सको ने आशा देवी का ऑपरेशन से सुरक्षित प्रसव करने की बात कही। जिसके लिए आशा देवी का पति प्रवीन भी तैयार हुआ। लेकिन गत रविवार रात्रि को ऑपरेशन के दौरान आशा देवी की मौत हो गई, जबकि आशा देवी के पेट से जन्मी बच्ची स्वस्थ है।
डॉक्टरों ने आशा देवी की मौत का कारण बच्चेधानी के न सिकुड़ने व अधिक रक्त की कमी होने के कारण बताई है।
प्रमुख अधीक्षक डॉ.एसडी सकलानी ने बताया कि महिला की मौत की वजह बच्चेदानी के न सिकुड़ने से हुई है। उन्होंने बताया कि महिला में खून की कमी थी। जिसके लिये करीब 5 बोतल से अधिक खून की भी व्यवस्था की गई थी।
परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही से बताई आशा की मौत
उत्तरकाशी।
भण्डारस्यूं पट्टी के छमरोली गाँव के ग्रामीणों ने ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों द्वारा लापरवाही बरतने से गर्भवती आशा की मौत होने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों जिला अस्पताल में हंगामा कर प्रमुख अधीक्षक घेराव कर भारी रोष जताया। ग्रामीणों के काफी देरतक हंगामे के बाद आशा देवी के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गए।
जिला महिला अस्पताल 13 दिन के अंदर दूसरी गर्भवती महिला की हुई मौत
उत्तरकाशी।
जिला महिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे है। महिला अस्पताल में 13 दिन के भीतर प्रसव के दौरान दो महिलाएं दम तोड़ चुकी हैं।
बीते आठ सिंतबर को गर्भवती महिला को जिला अस्पताल से हायर सेंटर देहरादून के लिए रैफर किया था,जिसने रास्ते में जाते समय डुंडा में दम तोड़ दिया था। गत रविवार देर रात्रि को भी जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान छमरोली गाँव की आशा देवी की भी मौत हुई है। ऐसे में जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं पर लोग गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं।
जिला व महिला अस्पताल में डॉक्टरों व स्टाफ के दुर्व्यवहार से परेशान हैं मरीज
उत्तरकाशी।
जिले के सबसे बड़े जिला अस्पताल में आने वाले मरीज लंबे समय से डॉक्टरों व अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के आचरण व व्यवहार से परेशान हैं कुछ मरीजों का कहना है कि अस्पताल में तैनात डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ सीधे मुंह बात नहीं करते हैं, कुछ डॉक्टर तो खुलेआम मरीजों के सामने नौकरी छोड़ने की धमकी भी दे देते हैं। ऐसे में अस्पताल में मरीजों का परेशान होना लाजमी है।