उत्तरकाशी।
पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर कर्मचारी एक हुये हैं। आंदोलित शिक्षक कर्मचारियों ने शुक्रवार को काला फीता बांधकर नई पेंशन का विरोध जताया। शिक्षक कर्मचारियों ने कहा कि 1अक्टूबर 2005 से उत्तराखंड के कर्मचारियों पर शेयर बाजार में निवेश पर आधारित नई पेंशन स्कीम थोपी गई थी।जिसमें 1000 से 2000 रुपए के बीच पेंशन मिलने से कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नहीं है।
जीजीआईसी उत्तरकाशी, मातली व विकास भवन समेत अन्य जगहों पर शिक्षक व कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के तहत नई पेंशन का पुरजोर विरोध किया। वक्ताओं ने कहा कि चरणबद्ध आंदोलन में सैकड़ों जनप्रतिनिधियों, विधायकों, सांसदों एवं समाजसेवी संगठनों ने अपना लिखित समर्थन पत्र संगठन को दिया है। संगठन के पदाधिकारियों द्वारा आंदोलन को लगातार तेज किया जा रहा हैं। कर्मचारियों का कहना है कि हमारी वेतन से कटा हुआ पैसा जो हमको पेंशन के रूप में प्राप्त होना था, सरकार ने उसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए शेयर मार्केट की अस्थिरता में झोंका है। जिस कारण रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को नाममात्र की पेंशन मिल रही है।
संगठन के अध्यक्ष जयप्रकाश बिजल्वाण का कहना है कि सरकार ने नई पेंशन योजना के दुष्परिणामों को जाने बिना पूंजीवादी सोच रखने वालों के प्रभाव में आकर पुरानी पेंशन खत्म की है। यह देश के सरकारी कर्मचारियों के साथ बड़ा धोखा है। इस मौके पर शंभू प्रसाद भट्ट, वृंदावन कुमार, जगदीश बिजल्वाण, यशवंत रावत, धर्मेन्द्र पडियार, डा.पूजा उनियाल, रेवती देवी, अर्जुन चौहान, महेन्द्र रावत, नवीन नौटियाल, आत्माराम जोशी, जयप्रकाश गौड, राजवीर रांगड़, गिरीश उनियाल, उत्तम राणा समेत बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।