उत्तरकाशी।
गणेश चतुर्थी के पावन पर्व पर गणेश जन्मभूमि डोडीताल के अगोड़ा गांव में पर्यटन मेले का आयोजन किया गया। मेले में ग्रामीणों ने देव डोलियों का आशीर्वाद लिया। देश-विदेश से पहुंचे पर्यटकों ने देव संस्कृति, लोकनृत्य व पहाड़ी भोज का लुत्फ उठाया।

केलशू घाटी के करीब आठ गांव के ग्रामीणों की ओर से गणेश चतुर्थी के अवसर पर ऋषि अंगिरा की तपस्थली अगोड़ा में तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है। आज 9 सितंबर तक चले मेले में लोक नृत्य रासो तांदी, भजन कीर्तन एवं रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही विभिन्न विभागों के की ओर से शिविर का आयोजन किया गया। मेले में पहुंची बासुकी नाग देवता अगोड़ा, सर्फ़नाथ देवता, नारायण देवता थाती माता, दानवां देवता आदि की देव डोलियों के दर्शन व पूजन कर ग्रामीणों ने आशीर्वाद लिया। पर्यटन मेले में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे प्रधान संगठन के महामंत्री प्रताप रावत ने कहा कि मेले हमारी संस्कृति के परिचायक हैं। इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए ग्राम स्तर पर ही प्रयास की जरुरत है। उन्होंने मेले के भव्य आयोजन के लिए आयोजन समिति की सराहना की। इस मौके पर पर्यटन समिति के अध्यक्ष कमल सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य मनोज मिनान, ग्राम प्रधान अगोड़ा मुकेश पंवार, भंकोली प्रधान सोनम रावत, डोडीताल मंदिर के मुख्य पुजारी संतोष खंडूरी आदि मौजूद रहे।