उत्तरकाशी।
हीना बाजार से हीना गांव तक स्वीकृत सड़क के निर्माण पर लगी रोक हटाने के लिए ग्रामीणों ने हाईकोर्ट की शरण में जाने का निर्णय लिया है।

हीना गांव में आयोजित खुली बैठक में ग्राम प्रधान आरती मखलोगा नेतृत्व में ग्रामीणों ने यह फैसला लिया। प्रधान आरती ने कहा कि वर्ष 2020 में हीना गांव तक तीन किमी सड़क के निर्माण के लिए भारत सरकार के वन मंत्रालय से स्वीकृति के बाद पीडब्ल्यूडी उत्तरकाशी ने टेंडर आमंत्रित किए थे। लेकिन जिस ठेकेदार ने रेट कम करके सड़क का काम लिया, उसके द्वारा विभागीय औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई। जिस पर नए टेंडर आमंत्रित किए। लेकिन ऐन वक्त पर पहले ठेकेदार ने सड़क निर्माण पर उच्च न्यायालय से रोक लगवा दी। जिसके बाद से आज तक सड़क का निर्माण लटका हुआ है। गांव की सड़क नहीं बनने से स्कूली बच्चों, गर्भवती और बीमार लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बैठक में घनश्याम चौहान,जीत सिंह असवाल,सुरेंद्र चौहान, रामचंद्र पंवार, प्रताप सिंह असवाल,अत्तर असवाल, जगदीप मखलोगा, बृजमोहन मखलोगा, मदन असवाल, भरत सिंह रावत, भगवान महर,धर्म महर, गजेन्द्र मखलोगा आदि रहे।