उत्तरकाशी।
देवीधार स्थित रेणुका मंदिर प्रांगण में आयोजित विकास मेले में संवेदना समूह ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। संस्था के कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान गढ़वाली व जोनसारी लोकनृत्यों पर दर्शक जमकर थिरके। कार्यक्रम के शुभारंभ में देव डोलियों की स्तुति ने माहौल को भक्तिपूर्ण बनाया।
मां रेणुका संस्कृति एवं पर्यावरण संरक्षण समिति की ओर से उत्तरकाशी जनपद के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विकास मेले का आयोजन किया जा रहा है। सोमवार को मेले के पांचवा दिन संवेदना समूह के कलाकारों के नाम रहा। गणपति कंस्ट्रक्शन के मालिक मुख्य अतिथि महेंद्रपाल सिंह परमार ने मेले में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने कहा कि मेले हमारी संस्कृति की पहचान हैं। इनका संरक्षण हम सब का नैतिक दायित्व है। परमार ने मेला समिति के प्रयासों को संस्कृति व परंपराओं के संरक्षण में महत्वपूर्ण बताया। कार्यक्रम में लोक गायक संजय पंवार, अंकित पंवार, आराधना कुड़ियाल, सिमरन व नेहा आदि ने गढ़वाली व जोनसारी लोकगीतों की शानदार प्रस्तुतियां दी। इस दौरान गंगा घाटी के तांदी व रांसों नृत्य और यमुना घाटी नाटी नृत्यों की प्रस्तुतियां भी दी गई। संजय पंवार के गाए जोनसारी गीत दारू पी के दरवाली न लगाड़ू मामा पर दर्शक जम कर झूमे। कार्यक्रम के शुभारंभ में देव डोलियों की स्तुति की गई। इस दौरान संवेदना समूह के कलाकारों के जीवंत अभिनय ने माहौल को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया। सांस्कृतिक दल में जेपी राणा, अजय नौटियाल, राहुल भारती, उत्तम रावत, राजेश जोशी, अरबाज खान, आकाश डंगवाल, दीप्ति, सुधा, संतोषी, दीपा गुसाईं, युवा दावक संदीप गुसाईं, रोशन पंवार आदि शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन शिव रतन सिंह रावत ने किया।
नितिन चंद रमोला
संपादक