उत्तरकाशी।
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित करने से यात्रा कारोबार जुड़े व्यापारियों व तीर्थ पुरोहितों में रोष है। जिला मुख्यालय समेत यमुनोत्री धाम, हर्षिल व धराली में होटल, होम स्टे संचालकों, व्यापारियों और तीर्थपुरोहितों ने सरकार के निर्णय के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को बर्खास्त कर उक्त निर्णय वापस लेने की मांग की। रविवार को जिला मुख्यालय के हनुमान चौक के निकट सुमन मंच पर होटल व्यवसायी व व्यापारी बड़ी संख्या में एकत्रित एकजुट हुए। होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा ने कहा कि पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के चलते यात्रा बुरी तरह प्रभावित रही। अब इस साल जब यात्रा में तीर्थयात्रियों के बड़ी संख्या में पहुंचने की उम्मीद है। तब सरकार के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने प्रत्येक धाम में चारधाम यात्रियों की संख्या सीमित करने का तुगलकी फरमान सुनाया है। उन्होंने कहा कि यमुनोत्री में प्रतिदिन दर्शन लिए 4000 व गंगोत्री में 7000 तीर्थयात्रियों की संख्या तय की गई है। जबकि यहां बड़ी संख्या में तीर्थयात्री होटलों की बुकिंग, आने-जाने के लिए रेल व हवाई टिकट बुक कर चुके हैं। होटल एसोसिएशन के संरक्षक महेश पंवार ने कहा कि सरकार के निर्णय से हजारों तीर्थयात्रियों को असमंजस में डाल दिया है। सरकार पर अपनी नाकामी छुपाने के लिए इस तरह के निर्णय लेने ले रही है।
हर्षिल और धराली में भी होटल, होम स्टे संचालकों व व्यापारियों ने सरकार के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन कर निर्णय वापस लेने की मांग उठाई।
उधर, यमुनोत्री धाम में भी तीर्थपुरोहित ने यमुनोत्री मात्र 4000 की संख्या तय करने पर आपत्ति जताई। वहीं तहसील मुख्यलाय में भी चारधाम यात्रा से जुड़े लोगों प्रदर्शन कर सरकार के निर्णय पर सवाल उठाए।