नितिन रमोला,उत्तरकाशी।
पर्वतारोहियों के बीच भले ही विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को लीजेंड माना जाता हो, लेकिन गंगोत्री हिमालय क्षेत्र में मौजूदा दर्जनों हिमशिखर भी कुछ कम नहीं है। इंडियन माउंटेनियरिंग फाउंडेशन (आइएमएफ) ने देश में सबसे ज्यादा चढ़ी जाने वाली चोटियां गंगोत्री हिमालय क्षेत्र में चिन्हित की है।
सरकार व प्रशासन ढांचागत सुविधाओं तथा खोज और बचाव की ओर ध्यान दे तो जनपद में पर्वतारोहण सबसे बड़ा राजस्व का जरिया बन सकता है। साथ ही रोजागार का दरिया बहा सकता है। जनपद की दृष्टि से देखे तो यहां पर्वतारोहण प्रशिक्षण के लिए दुनिया का नामचीन नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) है। संस्थान से अभीतक बछेंद्रीपाल, डॉ हर्षवन्ती बिष्ट, सुश्री चन्द्र प्रभा ऐतवाल, सन्तोष यादव, अर्जुन वाजपेई , हर्षा रावत, ताशी और नुंग्शी मलिक, अरुणिमा सिन्हा, साउथ के बाबू, कृष्ण पाटिल व सविता मर्तोलिया जैसे तमाम पर्वतारोहियों के अलावा हजारों लोग प्रशिक्षण पा चुके हैं। इनमें तो कई लोग पर्वतारोहण एवं ट्रैकिंग के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त कर अच्छा रोजगार पा रहे हैं।
गंगोत्री हिमालय क्षेत्र के प्रमुख हिमशिखर
उत्तरकाशी।
बंदरपूंछ, केदारनाथ, केदारडोम, सतोपंथ, शिवलिंग, स्वर्गारोहिणी-2, थलय सागर, गंगोत्री-1, गंगोत्री-2, गंगोत्री- 3, जोनली, खर्चकुंड, भारत खुंटा, मंदा पर्वत- 2, जोगिन-1, जोगिन- 2, जोगिन- 3, मेरु नार्थ, मेरु ईस्ट, कीर्ति स्तंभ, श्रीकंठ, भागीरथी- 1, भागीरथी- 2, भागीरथी- 3, वासुकी पर्वत, सुदर्शन पर्वत व रुद्रगैर समेत कई अननेमड चोटिया शामिल है।