उत्तरकाशी।
यमुना घाटी में स्वास्थ्य सेवाएं पटरी पर नहीं आ पा रही है। नौगांव विकासखंड के पालर गांव में एक नवजात बच्ची 15 दिन की मौत हो गई। परिजनों का आरोप कि सीएचसी बड़कोट के चिकित्सकों ने बच्ची को देखने में लापरवाही की। बाद में हायर सेंटर ले जाते समय बच्ची ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। सीएमओ ने बताया कि मामले में जांच कमेटी गठित की गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
पालर गांव के सुशील रावत की नवजात बच्ची की तबियत खराब होने पर परिजन उसे सीएचसी बड़कोट लाए। चिकित्सकों ने नवजात बच्ची को देखने से साफ इंकार कर दिया। बाद में चिकित्सकों ने बच्ची को हायर सेंटर रेफर कर दिया, लेकिन देहरादून पहुंचने से पूर्व ही बच्ची ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पिता सुशील कुमार ने कहा कि यदि चिकित्सक यहां बच्ची को देखकर प्राथमिक उपचार दे देते, तो उसकी जान बच सकती थी। परिजनों ने सीएचसी बड़कोट के चिकित्सकों पर मामले में लापरवाही का आरोप लगाया। वहीं मामले की गंभीरता को देख स्वास्थ्य विभाग ने जांच कमेटी गठित की है। सीएमओ डा. केएस चौहान ने बताया कि डिप्टी सीएमओ सहित तीन सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है। जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।
