उत्तरकाशी।
सरकार की ओर से मनरेगा कार्यों में ऑनलाइन उपस्थिति (एनएमएमएस सिस्टम) लागू किए जाने का ग्राम प्रधानों ने पुरजोर विरोध किया है। उन्होंने मांग पर पुनर्विचार नहीं किया जाने पर आगामी 9 जनवरी से प्रत्येक विकाखंड में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
जिला प्रधान संगठन के प्रदेश महामंत्री प्रताप रावत के नेतृत्व में जनपद के प्रधानों का शिष्टमंडल डीएम अभिषेक रुहेला से मुलाकात की। संगठन ने डीएम के माध्यम से केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। उन्होंने ज्ञापन में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एक जनवरी से मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों का मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम के तहत ऑनलाइन उपस्थिति लगाना अनिवार्य कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह असंभव है। इससे विकास योजना बाधित होगी। उन्होंने कहा कि सीमांत जनपद के कई गांवों में नेटवर्क सुविधा नहीं है। इससे मनरेगा मजदूरों की ऑनलाइन उपस्थिति फोटो के साथ अपलोड करना संभव नहीं है। मनरेगा कार्यो में पूर्व की भांति मस्टरोल निकालने का प्रावधान नहीं रहेगा तो मनरेगा योजनाओं में कार्य करना असंभव हो जाएगा। जनपद के प्रधान संगठन ने मांगों का शीघ्र ही निस्तारण नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
क्या है मनरेगा में एनएमएमएस सिस्टम
मनरेगा में हो रहे फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए नेशनल मोबाइल मानीटरिंग सिस्टम (एनएमएमएस) लागू किया गया है। इसमें मोबाइल एप के जरिए मनरेगा की सभी योजनाओं में कार्य कर रहे मनरेगा मजदूरों को कार्यस्थल पर काम करते हुए फोटो ली जाएगी।