उत्तरकाशी।
विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के मुख्य अभियुक्त को दस साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। मुख्य अभियुक्त पर 40 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। इसी मामले में सह अभियुक्त को तीन साल के सश्रम कारावास व 20 हजार के अर्थदंड की सजा हुई है।

आपको बता दे कि 26 जुलाई 2019 को क्षेत्र के एक व्यक्ति ने कोतवाली उत्तरकाशी में अपनी नाबालिग बेटी की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस जांच में नाबालिग के किसी युवक के साथ जाने की पुष्टि हुई थी। पुलिस ने 8 अगस्त 2019 को नाबालिग को मुखमाल गांव खम्बाखाल प्रतापनगर निवासी नीरज व उसके साथी अनिल के साथ उत्तरकाशी से बरामद किया था। नाबालिग पीड़िता ने पुलिस को बताया था कि नीरज उसे बहला-फुसलाकर बैंगलुरु ले गया, जहां उसने नाबालिग को अपने दोस्त अनिल के कमरे में रखा। पीड़िता ने यह भी बताया कि जब नीरज कमरे से बाहर रहता था तो अनिल उसके साथ छेड़छाड़ करता था। 25 अक्टूबर 2019 को पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किए थे। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद शुक्रवार को विशेष सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला की अदालत ने फैसला सुनाया। सहायक शासकीय अधिवक्ता पूनम सिंह ने बताया कि मुख्य अभियुक्त नीरज को दस साल के सश्रम कारावास के साथ 40 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड न भुगतने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। सहायक अधिवक्ता पूनम सिंह ने बताया कि सह अभियुक्त अनिल को तीन साल के सश्रम कारावास के साथ 20 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। अर्थदंड न भुगतने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। कुल अर्थदंड में से 30 हजार की धनराशि पीड़िता को प्रतिकर के रुप में दी जाएगी